मै न कोई बड़ा लेखक नही कवी हूँ, सिर पर कलंगी है तो खुद को कभी कभी मोर समझ लेता हूँ। पर हां ! लेखों और कवियों से जुड़ना मेरा सौख है, शायद कभी कोई सीखा दे या खुद प्रेरित हो कुछ सिख जाऊं, यही लालच छिपाये इस महफ़िल में आया हूँ।