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नायक वही जो सत्य को स्वीकार करता है, हो गलत ग़र कोई बात तो प्रतिकार करता है। नायक वही जो सत्य को स्वीकार करता है, हो गलत ग़र कोई बात तो प्रतिकार करता है।
मैं ईश्वर की अनुपम रचना मुझको नारी ही रहने दो। मैं ईश्वर की अनुपम रचना मुझको नारी ही रहने दो।
सुनो मेरे देव वृक्ष! बहुत प्यारे हो तुम मुझे। केवल वृक्ष नहीं, गौरव हो मेरे 'निर्मल कुंजके! सुनो मेरे देव वृक्ष! बहुत प्यारे हो तुम मुझे। केवल वृक्ष नहीं, गौरव हो मेरे '...
सब कहते थे चूल्हा-चौका, तूने कहा पढ़ाई माँ, सब कहते थे चूल्हा-चौका, तूने कहा पढ़ाई माँ,
क्या यही है नियति जीवन की साँझ की, जीवन के अंत की, वृद्ध होने की ? क्या यही है नियति जीवन की साँझ की, जीवन के अंत की, वृद्ध होने की ?
क्योंकि कुछ चीज़ों का कभी बँटवारा नहीं होता ! क्योंकि कुछ चीज़ों का कभी बँटवारा नहीं होता !
जननी है, जन्मभूमि है, ये स्वर्ग से महान है, किसान हो, जवान हो, ये सब ही इसकी शान हैं। जननी है, जन्मभूमि है, ये स्वर्ग से महान है, किसान हो, जवान हो, ये सब ही इसकी ...
मुझको बचाकर, जीवन आने वाली पीढ़ियों का संवार लो। मुझको बचाकर, जीवन आने वाली पीढ़ियों का संवार लो।
और सूने अब खेल के मैदान हो गए हैं, घर अब घर कहाँ ? सूने मकान हो गए हैं। और सूने अब खेल के मैदान हो गए हैं, घर अब घर कहाँ ? सूने मकान हो गए हैं।
उपकार तले हो भले दबे, पर मार्ग धर्म का ही अपनाना " उपकार तले हो भले दबे, पर मार्ग धर्म का ही अपनाना "