अंधेरों में भी झिलमिलाते हों हौसले जिनके,
समझ लेना एक सूरज उनके दिल में भी जलता है |
पिंकी तिवारी
आज भी मुझे फ़ोन की घंटी से ज़्यादा, दरवाज़े की घंटी बजने पर ज़्यादा ख़ुशी होती है ।
पिंकी तिवारी
गीता के श्लोक-सी है मेरी माँ,
मेरे दुखों को सीधे मोक्ष दिला देती है ।
पिंकी तिवारी