कहानी में जीना,कहानी लिखना ।
मैं ही सुलगाती रही घुलती रही तुम्हारे मौन में मैं ही सुलगाती रही घुलती रही तुम्हारे मौन में
और जो स्वच्छंद हो पाया क्या वहीं महामानव कहलाया। और जो स्वच्छंद हो पाया क्या वहीं महामानव कहलाया।
मेरे हाथ को धीरे धीरे थपथपा रही है। मेरे हाथ को धीरे धीरे थपथपा रही है।
मिट्टी और नदी से इश्क की कविता भूल न जाना भीड़ से सिकुड़ते आसमान में। मिट्टी और नदी से इश्क की कविता भूल न जाना भीड़ से सिकुड़ते आसमान में।
रोटी के टुकड़े तक ले जाना एक पानी का कटोरा पास रख देना रोटी के टुकड़े तक ले जाना एक पानी का कटोरा पास रख देना
समानता तो केवल जुनून की पाशविकता में होती है। समानता तो केवल जुनून की पाशविकता में होती है।
उनमें प्रशंसा चापलूसी और सत्ता सम्बन्ध होता है। उनमें प्रशंसा चापलूसी और सत्ता सम्बन्ध होता है।
उस पहली मुलाकात की खुशबू जैसे आस पास ही गा रही हो उस पहली मुलाकात की खुशबू जैसे आस पास ही गा रही हो
मैने कहा नहीं साथियों ये उपकार तुम्हारा है जीवन मेरा तुमसे हर्षित वरना जगत नकारा है मैने कहा नहीं साथियों ये उपकार तुम्हारा है जीवन मेरा तुमसे हर्षित वरना जगत नक...
सब प्राणी भी तभी रहेंगे मानोगे प्रकृति का कहना । सब प्राणी भी तभी रहेंगे मानोगे प्रकृति का कहना ।