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अन्तिम विदाई दे भी नहीं पाये ठिठके से हम ये क्या हो गया हमारे शहर को ये क्या हो गया। अन्तिम विदाई दे भी नहीं पाये ठिठके से हम ये क्या हो गया हमारे शहर को ये...
प्रथम गुरु बन मेरी माँ, माँ भी कहना माँ से सीखा। प्रथम गुरु बन मेरी माँ, माँ भी कहना माँ से सीखा।
प्रकृति से न युद्ध छेड़ो, मत डरो की वीर हो पर संवेदनशील बनो। प्रकृति से न युद्ध छेड़ो, मत डरो की वीर हो पर संवेदनशील बनो।
प्रकृति के ही नियमों को सीखा कहाँ प्रकृति से ही जुड़ना आता कहाँ ? प्रकृति के ही नियमों को सीखा कहाँ प्रकृति से ही जुड़ना आता कहाँ ?
फाल्गुनी समीर सा सब को छू लें चलो मना ले होली हम फाल्गुनी समीर सा सब को छू लें चलो मना ले होली हम
चलो चलें एक दीप जला दें, और जो जल रहा दीप मद्धिम मद्धिम हथेलियों को जोड़कर, थोड़ी आड़ दें और ते... चलो चलें एक दीप जला दें, और जो जल रहा दीप मद्धिम मद्धिम हथेलियों को जोड़कर, ...
तेज गाड़ियों की रफ्तार से पिसे हुए, दबे हुए, क्षत विक्षत तेज गाड़ियों की रफ्तार से पिसे हुए, दबे हुए, क्षत विक्षत
ना जाने कहाँ हैं जिनको खोज रहे लोग सम्वेदना से परे जाकर क्या एक बार सोच सकते ? ना जाने कहाँ हैं जिनको खोज रहे लोग सम्वेदना से परे जाकर क्या एक बार सोच...
एक साधारण सा दिखने वाला जीवन जीना भी कितना सरल है? एक साधारण सा दिखने वाला जीवन जीना भी कितना सरल है?
घने जंगलों को चीरती रोशनी को देखा हर किसी को। घने जंगलों को चीरती रोशनी को देखा हर किसी को।