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शायरी इसलिए भी करता हूं और कुछ भी मैं कर नहीं सकता शायरी इसलिए भी करता हूं और कुछ भी मैं कर नहीं सकता
दिन में पूछो नहीं मुझको क्या क्या है गम लिख के भेजूंगा मैं सब तुम्हें रात में दिन में पूछो नहीं मुझको क्या क्या है गम लिख के भेजूंगा मैं सब तुम्हें रात में
ज़ुल्फ लब और आंखें सभी खूब थे हम मगर सादगी पे मरा करते ज़ुल्फ लब और आंखें सभी खूब थे हम मगर सादगी पे मरा करते
उन्हें छिप के देखा ये देखा उन्होंने इशारा किया बेअदब सामने आ उन्हें छिप के देखा ये देखा उन्होंने इशारा किया बेअदब सामने आ
उसकी आँखें भर आईं दीपक इसके आगे बात नहीं करनी। उसकी आँखें भर आईं दीपक इसके आगे बात नहीं करनी।
कल जो मिसरे सोते सोते हो गए थे वो अब सबकी नींद उडाने वाले हैं । कल जो मिसरे सोते सोते हो गए थे वो अब सबकी नींद उडाने वाले हैं ।
बॉस मुझसे तंग था और नौकरी से तंग था मैं। बॉस मुझसे तंग था और नौकरी से तंग था मैं।
अच्छा लगता है ये पंखा मुझको और ये रस्सी भी अच्छी लगती है। अच्छा लगता है ये पंखा मुझको और ये रस्सी भी अच्छी लगती है।
नहीं है मगर अब जो भी है सही है यही ज़िंदगी है.. यही ज़िंदगी है..!! नहीं है मगर अब जो भी है सही है यही ज़िंदगी है.. यही ज़िंदगी है..!!
रोते रोते छोड़ आते हैं घर वाले हंसते हंसते पागल दाख़िल होता है। रोते रोते छोड़ आते हैं घर वाले हंसते हंसते पागल दाख़िल होता है।