मनु
मनु
आज की हमारे जीवन के नायक मनु पर है हमारे जीवन का खेवन हार ,बरसात की पहली बूंद मनुु ,बंसती बयार मनु । कैसे ना कोई चाहे मनु को हँसता हुआ चेहरा लंबा कद गठीला सा बदन दो पल बात कर लो बस जी खुश हो जाये । हमारे जीवन में मनु का आगमन रेत पर जह पडे रहोऔर बरसात की बूंद पड वैसे है,मनु । जब जीवन की उलझनों में उलझे थे तब मनु ने ही उठाया।36 का सीना तान कर और सारी उलझानों को लंभाल लिया और हमसे बोले कि परिवार के लिये तो जीवन जीना पडता है पर जीवन तो आपके साथ जीता हूँ,यही नही दो बेटियों के पिता और मजबूत पति है मनु जीतनी तारीफ करूँ कम है ऐसे है हमारे मनु।