ठिकाना
ठिकाना
तस्वीर सुख की कैसी होती
कोई बतादो उसका ठिकाना
मोबाईल का नंबर बतला दो
हवा है या कोई परवाना...
ऊँचे मॉल महलो में
शहरो में देहातों में गलीयों में
मेले में खेमें और फिल्मों में
ढूँढा परदों के पीछे गलियारों में....
ऊँचे पहाडो की ठंडी हवाओं में
हवाई जहाज विदेशी वादियोमें
स्वादिष्ट पकवानों की सुंगध में
यौंवन भरी रंगीन रातो में.......
कहाँ नही सुख को मैने ढूंढा
कहीं भी मुझको नही मिला
तेरा रहस्य मैं जान ही लूँगा
सबको भुलाकर बना मतवाला...
मैंने बना लिया पक्का इरादा
कोई तो होगा तेरा ठिकाना
आखिर है तु कहाँ छुपा
मेरे मन तू बता अन्जाना.....