जिन्दगी पर असर...
जिन्दगी पर असर...
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कुछ छाँव की तलाश में....
कट गई जिन्दगी की धूप...
हर पल एक नई पहेली...
हर पल एक नया रूप...
जिन्दगी पर असर हूआ है ये...
जिन्दगी का असर हूआ है ये..
कभी मंजिल तो कभी ख्वाहिशें मिलती नही....
मुकद्दर...तय है मगर...चाहतो की प्यास...मिटती नहींं..
जूझते रहना है...खुशियाँ आऔर गम बटोरकर...
चलना ही है...खाकर पत्थर और ठोकर...
जिन्दगी पर असर हूआ है ये...
जिन्दगी का असर हूआ है ये।