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Vaishnavi Pathak

Others

5.0  

Vaishnavi Pathak

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यादें

यादें

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मंजर बदल गये हैं शायद रास्ते भी बदल जायेंगे

वक्त के साथ साथ शायद हम सभी बदल जायेंगे


बातें होगी साथ यादें भी होगी

दो चार सालों में एक बार फिर मुलाक़ातें होगी


कुछ हसीन यादें कुछ बुरे सपने भी यहाँ देखे हैं

जिंदगी की मुसीबतों को कैसे झेलना ये यहीं से तो सिखा है


दूर रह कर घर से यहाँ एक नयी दुनिया बसा ली थी

मुश्किलें जो मंडरा रही थी सर पे वो सारी यार ने संभाली थी


कहाँ कैसे पता नहीं कौन मिल जाता है

देखते देखते वो अपना सबकुछ बन जाता है


ये जिंदगी का सबसे हसीन वक्त सब याद करेंगे

दूर रह कर भी सबके दिल एक दूसरे के लिए धड़केंगे


इतना जल्दी वक्त कैसे गुज़र गया

ख़त्म होने जा रहा है ये सब इसका पता भी नहीं चला


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