माँ के लिए एक कविता
माँ के लिए एक कविता
ऐ माँ तू है मेरी प्यारी माँ तेरे आँचल का साया मुझे प्यारा प्यारा लगे
सुकून सा मिले मुझे तेरी गोद मे चैन की नींद मैं सो जाऊं
तेरे संग है मेरा अनमोल सा रिश्ता हर पल मेरा हाथ थामे रहना
तू जो कहीं नजरो से दूर होती है डर सा मुझको लगने लगता है
अपना प्यार पूरा मुझ पर लुटाती रहना
भूल जो हो जाये मुझसे कान पकड़कर मुझे डपट लगाना
राह भटक जाऊं जो मैं कभी तो मुझे सही राह दिखाना
हूँ तेरा बेटा मैं हर पल तेरा साथ निभाउंगा मैं
दूर जो कभी हो गए इक दूजे से मुझे अपने पास बुला लेना
तेरे बिन जीना मुझको आता नही माँ हर पल मेरे आस पास तू रहना
माँ तेरी हर कुर्बानी का मोल मैं चुकाऊंगा
तेरे प्रति अपने हर फ़र्ज़ को मैं निभाऊंगा
तेरा दर्जा जो मेरे दिल मे है उस पर ना किसी और का कब्ज़ा होगा