नादानी
नादानी
नादान हैं मोहब्बत, नादान हैं जिंदगानी
याद आता हैं बचपन और प्यारी नादानी
वो झूले पर घंटो झूलना, चलाना कागज की कश्ती
गुड्डे गुडिया का ब्याह रचाना, याद आती नादानी
हो गये हम बडे, पर दिल तो है बच्चा
वो कहते मैच्योर, पर नादानी में आता मजा
चॉकलेट छुपा कर, बाँट कर खाने से लगती मीठी
माँ की गोद से बेहतर, नहीं आती सूकून कहीं
बचपन में पहनते थे माँ की साडी, थी बडी नादानी
अब भी मुझको माँ की साडी, लगती बडी प्यारी
नदी पर जाकर नहाना, बारिश में भीगना
चोरी चोरी आम तोड़ना, दोस्तो संग मिल खाना
वो रूठना मनाना, वो लड़ना झगड़ना
हैं तो नादानी, मगर इस प्यार में भी मजा
किसी ने खूब कहा, नादानी का अपना है मजा
मुस्कराना सीखना पड़ता, रोना तो पैदा होते ही आ जाता
तो हो जाओ बडे कितने, न छोड़ना नादानी
होठो पर मुस्कान लाना, ना आँखो में आंसू लाना कभी