Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

इठलाता, गहराता खूबसूरत प्रेम

इठलाता, गहराता खूबसूरत प्रेम

1 min
13.7K


मेरी नर्म हथेली पर
अपने गर्म होंठों के
अहसास छोड़ती
चल पड़ती है वो
और मै अन मन सा
देखता हूँ अपनी हथेली
काश वक्त रूक जाये,
बस जरा सा ठहर जाये
लेकिन तुम्हारे साथ चलते
घड़ी की सुईयां भी
दौड़ती सी लगती है
धीरे से मेरा हाथ
मेरी गोद में रखकर,
हौले से पीठ थपथपाती है वो
अच्छा चलो-
अब चलना होगा,
सिर्फ प्रेम के सहारे
ज़िंदगी नहीं कटती,
कुछ कमाई करलें
तो प्रेम भी बना रहे,
लेकिन मैने कब
माँगा है तुमसे कुछ
वह सिर्फ मुस्कुराई
और चल दी
मै देखता रहा...
बढता, गहराता,
इठलाता, खूबसूरत प्रेम
जो मेरे बदन से लिपटी
रेशमी कुरते सा 'मुलायम,
घर में बिछे क़ालीन सा शालीन,
और भारी-भरकम
वेलवेट के गद्दों सा
गुदगुदा बन गया था
मेरी नर्म हथेली पर नमी सी थी
दूर कहीं लुप्त हो गई थी
इमली के पेड़ पर
पत्थर से उड़ती चिड़िया,
लुप्त हो गई थी
दो जोड़ी आँखे
जो कोई फ़िल्मी गीत गुनगुनाती
एक आवारा ख़्वाब बुना करती थी
हाँ प्रेम को ताउम्र बनाये रखना
ही जरूरी होता है...


Rate this content
Log in