|| ज़िन्दगी ||
|| ज़िन्दगी ||
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हर मोड़ पर ज़िन्दगी के,
एक नया रूप दिखाती है ज़िन्दगी ।
कभी रूलाती, तो गुदगुदा के कभी
फिर हमें हँसाती है ज़िन्दगी ।
इस रोने हँसने के खेल से ही तो
ज़िन्दगी को, जीना सिखाती है ज़िन्दगी ।
हर मोड़ पर अपने,
रूप नया दिखती है ज़िन्दगी ।।