कभी रूलाती, तो गुदगुदा के कभी फिर हमें हँसाती है ज़िन्दगी । कभी रूलाती, तो गुदगुदा के कभी फिर हमें हँसाती है ज़िन्दगी ।
'एक याद बनके पिछले मौसम का मैं, तेरे दिल में यूँ बस जाऊं तो, एक गुदगुदी सी किसी की बातों में, बनके क... 'एक याद बनके पिछले मौसम का मैं, तेरे दिल में यूँ बस जाऊं तो, एक गुदगुदी सी किसी ...
बेचैनियाें में जब कभी अरमान हों बिखरे गुलाब और ब्यूटी प्रोडक्ट से रूप जब निखरे तुम भी जिसमें फस चु... बेचैनियाें में जब कभी अरमान हों बिखरे गुलाब और ब्यूटी प्रोडक्ट से रूप जब निखरे ...