पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त आया तो हर बात पुरानी याद आ गई
फिर आज स्वतंत्रता की कहानी याद आ गई
वतन-ऐ-आजादी की संग्राम लड़ते रहे जो इन्साँ
मिली आज़ादी पर वो लोग ना थे हमारे दरमियाँ
आज उन तमाम शहीदों की कुर्बानी याद आ गई
भगत सिंह, आज़ाद जैसे वीरों के भुलाऐ नहींं जा सकते नाम
भरी जवानी में वतन की ख़ातिर आ गऐ जो काम
आज उन नौजवानों की जवानी याद आ गई
जिन्होंंने कुर्बां किऐ आँखो के तारे
ख़ुद संकटमय दिन रात गुज़ारे
आज उन परेशाँ बुज़ुर्गोंं की परेशानी याद आ गई
आजादी है अनमोल आजादी है मूल्यवान
ये भूल गया आज हर इन्साँ
इसलिऐ धर्म की आढ़ मेंं बाँटना चाहें हिन्दोस्तान
घृणा के भी योग्य नहींं वे निर्बल नादान
आज उन तमाम नादानों की नादानी याद आ गई
फिर आज स्वतंत्रता की कहानी याद आ गई