शब्दों की रंगोली
शब्दों की रंगोली
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रंगों से दुनिया लगे कितनी निराली
बिना रंगों के होती नहीं खुशहाली
नैनों को लुभाती प्रकृति की सुंदरता
हरे-भरे वृक्षों से वातावरण संवरता
सूर्यकिरणों से रंग केसरिया यूँ छलके
जगमग हो धरती सुनहरी सी झलके
बाँह पसारे हो जैसे नीला आसमान
कलरव करें विहंग मानो गाते गान
लाल-गुलाबी फुलों से गुलशन महके
तितलियाँ हँसती फुलों से कुछ कह के
श्वेतरंगी झरनों का संगीत हैं मनभावन
श्वेत शंखध्वनि से हो कण-कण पावन
विभिन्न रंगों से सजा हमारा संसार
परमात्मा से मिला ये अनुपम उपहार