विश्वास
विश्वास
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छन ! दिल से
अचानक ही
आवाज़ आई
कुछ नहीं बस
एक विश्वास था
जो टूट गया
टुकड़ों में बिखर गया
किरचें चुभा गया
हो गया घायल
बेचारा यह दिल
धीरे धीरे आया था
दिल में समाया था
सच्चा था और
बहुत पक्का था
जाते जाते कैसी
यह कसक दे गया
जीवन का एक
अच्छा सबक दे गया
वर्षों लगे थे उसे
अपना बनाने में
एक पल में ही
पराया कर गया
रिश्तों की सच्चाई
समझा गया
हमें दुनियादारी
सिखा गया
टिकी इसी पे तो
सारी दुनिया है
न हो विश्वास तो
कैसी फिर ज़िंदगी है