अपने दिल को खुश कर पाती, काश सब कुछ ठीक कर पाती। अपने दिल को खुश कर पाती, काश सब कुछ ठीक कर पाती।
तो उसे यहां बर्बाद मत करो, कहीं और आबाद करो तो उसे यहां बर्बाद मत करो, कहीं और आबाद करो
हर रात यही सोचता रहता है, और हर सुबह उसका टारगेट बदल जाता हैं हर रात यही सोचता रहता है, और हर सुबह उसका टारगेट बदल जाता हैं
मेरा सम्मान दांव पर लगा! मजबूरी ही कुछ ऐसी थी मेरा सम्मान दांव पर लगा! मजबूरी ही कुछ ऐसी थी
असल जिंदगी में तो ऐसा सोचना भी पाप होता है असल जिंदगी में तो ऐसा सोचना भी पाप होता है
संचिता पढ़ी लिखी सुंदर और अपने माता-पिता की अकेली संतान थी । संचिता पढ़ी लिखी सुंदर और अपने माता-पिता की अकेली संतान थी ।