काली रात थी, एकदम सर्द ठंडी हवा ,चेहरे को चीरते हुए हवा बह रही थी ,अन्धेरा चीरते हुए सभी लोग अस्पताल... काली रात थी, एकदम सर्द ठंडी हवा ,चेहरे को चीरते हुए हवा बह रही थी ,अन्धेरा चीरते...
वाणी में अपनों को पराया और परायों को अपना बनाने की शक्ति है वाणी में अपनों को पराया और परायों को अपना बनाने की शक्ति है
नीद न आयी आँखों में! अगली सुबह रजत बोले, "मेरा जीवन आपके साथ नही मैं चाहता हूँ... तुम मेरे भाई के सा... नीद न आयी आँखों में! अगली सुबह रजत बोले, "मेरा जीवन आपके साथ नही मैं चाहता हूँ.....
लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
आज के लिए इतना ही, मिलते हैं कल फिर से, मेरी प्यारी संगिनी। आज के लिए इतना ही, मिलते हैं कल फिर से, मेरी प्यारी संगिनी।
छोटे से संसार की रानी हो और मेरी आने वाली गुड़िया मेरी परी है। छोटे से संसार की रानी हो और मेरी आने वाली गुड़िया मेरी परी है।