आज भी इस छतरी को देखते ही उन का चेहरा खिल गया और वे हंसते हुए रोहन के साथ घर वापस आ गये आज भी इस छतरी को देखते ही उन का चेहरा खिल गया और वे हंसते हुए रोहन के साथ घर वाप...
धीरे-धीरे वह नींद के आगोश में समा गया। धीरे-धीरे वह नींद के आगोश में समा गया।
इस उम्र में उसके माता-पिता को दर दर न भटकना पड़े। इस उम्र में उसके माता-पिता को दर दर न भटकना पड़े।
अपने इस दिल के सुनसान शहर में......जहां कोई रास्ता नहीं है अपने इस दिल के सुनसान शहर में......जहां कोई रास्ता नहीं है