हाथ ही नहीं खोया समूचा अस्तित्व ही खो दिया............... हाथ ही नहीं खोया समूचा अस्तित्व ही खो दिया...............
लिथुआनिया की परी-कथा अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लिथुआनिया की परी-कथा अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
मनोज बाल-मज़दूर है, सपने देखता है इमारतों में रहने का पर लगता है उसकी सब सपने अधूरे रहेंगे मनोज बाल-मज़दूर है, सपने देखता है इमारतों में रहने का पर लगता है उसकी सब सपने अध...
रही बात विकास की तो पंच वर्षीय योजनाओं में कुछ न कुछ होगा ही रही बात विकास की तो पंच वर्षीय योजनाओं में कुछ न कुछ होगा ही
इसको भले ही छोड़ दो ओर आप को तकलीफ़ हुई इसके लिए माफ़ी हुकम “ मैंने फ़ोन सुना ओर सोचा इसको भले ही छोड़ दो ओर आप को तकलीफ़ हुई इसके लिए माफ़ी हुकम “ मैंने फ़ोन सुना...