काशी के पति राजेश और नैना हड़बड़ा गए और अपने अपने कपड़े पहनने लगे। काशी के पति राजेश और नैना हड़बड़ा गए और अपने अपने कपड़े पहनने लगे।
मेरे दुख का अविरल दरिया बहते देख लगा निष्प्राण वृक्ष में जान आ गयी हो मेरे दुख का अविरल दरिया बहते देख लगा निष्प्राण वृक्ष में जान आ गयी हो
पूरी मानवता के साथ साथ धरती के समस्त जीवों के जीवन और मृत्यु का ही नहीं बल्कि अस्तित्व का प्रश्न है। पूरी मानवता के साथ साथ धरती के समस्त जीवों के जीवन और मृत्यु का ही नहीं बल्कि अस...
हाथ ही नहीं खोया समूचा अस्तित्व ही खो दिया............... हाथ ही नहीं खोया समूचा अस्तित्व ही खो दिया...............
मेदिनी ने पत्रों को वापस अलमारी में रख दिया और सोच में पड़ गई। मेदिनी ने पत्रों को वापस अलमारी में रख दिया और सोच में पड़ गई।
"कला मर रही है, साहित्य तड़प रहा है, सब पैसों के ठेकेदार हो गए हैं, "कला मर रही है, साहित्य तड़प रहा है, सब पैसों के ठेकेदार हो गए हैं,