बहुरानी के आते ही रमणीदेवी फिर पूजाघर में जा बैठी। बहुरानी के आते ही रमणीदेवी फिर पूजाघर में जा बैठी।
"कितना समय लगता है ये सब करने में,पर तुझे तो पूजा पाठ से कोई मतलब ही नही" शांति देवी ने थोड़े गुस्से ... "कितना समय लगता है ये सब करने में,पर तुझे तो पूजा पाठ से कोई मतलब ही नही" शांति ...
क्यूँ कि हम जानते हैं कि ये कैद हमारी स्वयं की देन है। क्यूँ कि हम जानते हैं कि ये कैद हमारी स्वयं की देन है।
दहलीज के बंधन सिर्फ औरतों के लिए ही होते हैं क्या ?" दहलीज के बंधन सिर्फ औरतों के लिए ही होते हैं क्या ?"
भोग अर्थात वह सभी प्रकार का भोजन जो हम भगवान को अर्पित कर सकते हैं भोग अर्थात वह सभी प्रकार का भोजन जो हम भगवान को अर्पित कर सकते हैं
अब लोग मूर्ति को प्रसाद का भोग लगाकर उस पत्थर पर रखने लगे। अब लोग मूर्ति को प्रसाद का भोग लगाकर उस पत्थर पर रखने लगे।