अपने भीतर अब वो कोमलांगी, मन से कठोर होने का निर्णय ले चुकी थी एक टीस के साथ। अपने भीतर अब वो कोमलांगी, मन से कठोर होने का निर्णय ले चुकी थी एक टीस के साथ।
'तुम सबकी पत्नियां भर-भर बाँह चूड़ी पहने, लम्बी माँग में दूर तक सिंदूर भरे, तुम्हारी सलामती के भाव जग... 'तुम सबकी पत्नियां भर-भर बाँह चूड़ी पहने, लम्बी माँग में दूर तक सिंदूर भरे, तुम्ह...
नतमस्तक हो कपि तब बोले नमन मेरा स्वीकार करो नतमस्तक हो कपि तब बोले नमन मेरा स्वीकार करो