'तुम सबकी पत्नियां भर-भर बाँह चूड़ी पहने, लम्बी माँग में दूर तक सिंदूर भरे, तुम्हारी सलामती के भाव जग... 'तुम सबकी पत्नियां भर-भर बाँह चूड़ी पहने, लम्बी माँग में दूर तक सिंदूर भरे, तुम्ह...
अपने भीतर अब वो कोमलांगी, मन से कठोर होने का निर्णय ले चुकी थी एक टीस के साथ। अपने भीतर अब वो कोमलांगी, मन से कठोर होने का निर्णय ले चुकी थी एक टीस के साथ।
हम कहने से ज्यादा करने में यकीन रखते हैं, हम सबसे प्यार से मिलते हैं, हम कहने से ज्यादा करने में यकीन रखते हैं, हम सबसे प्यार से मिलते हैं,
जब हम फिर से कश्मीर को धरती का स्वर्ग पाएंगे।" सबने समवेत स्वर में कहा। जब हम फिर से कश्मीर को धरती का स्वर्ग पाएंगे।" सबने समवेत स्वर में कहा।
तुम ने कभी मस्जिद या मंदिर में लिफ्ट लगी नही देखी होगी। तुम ने कभी मस्जिद या मंदिर में लिफ्ट लगी नही देखी होगी।
तभी रमा देवी की तंद्रा भंग होती है तथा खुशी से आवाजें लगाती है, बेटा नेहा जल्दी आओ आदित तभी रमा देवी की तंद्रा भंग होती है तथा खुशी से आवाजें लगाती है, बेटा नेहा जल्दी ...