अमूल्य प्रेम के बजाय दहेज़ में आयी वस्तुओं का अधिक मोल था वहाँ अमूल्य प्रेम के बजाय दहेज़ में आयी वस्तुओं का अधिक मोल था वहाँ
इंस्पेक्टर विशाल पुष्कर ने जीप में बैठे ही बैठे सधी नज़रों से निशा को देखा! इंस्पेक्टर विशाल पुष्कर ने जीप में बैठे ही बैठे सधी नज़रों से निशा को देखा!
बहोत ही मिन्नतें करने के बाद भी बल पूर्वक मास्टरजी की शादी निशा से हो जाती है। बहोत ही मिन्नतें करने के बाद भी बल पूर्वक मास्टरजी की शादी निशा से हो जाती है।
उसी दिन खबर मिली की निशा को ब्रेन स्टो्क हुआ है और उसी दिन वो कोमा मे चली गई। उसी दिन खबर मिली की निशा को ब्रेन स्टो्क हुआ है और उसी दिन वो कोमा मे चली गई।
वहां अफवाह फैलने लगी थी कि जमीनदार की लकड़ी को मास्टरजी अपने घर ले गए थे। वहां अफवाह फैलने लगी थी कि जमीनदार की लकड़ी को मास्टरजी अपने घर ले गए थे।
बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिये उन दोनों की पढाई जारी रहना आवश्यक था। बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिये उन दोनों की पढाई जारी रहना आवश्यक था।