निभा की गम्भीर आवाज ने नीलेश को अंदर से रुला दिया। निभा की गम्भीर आवाज ने नीलेश को अंदर से रुला दिया।
उस्मान, शंकर, बैजू, गोपाल आदि उन सभी मजदूरों के नाम अंकित थे, जिन्होंने उस पुल के निर्माण में अपना श... उस्मान, शंकर, बैजू, गोपाल आदि उन सभी मजदूरों के नाम अंकित थे, जिन्होंने उस पुल क...
उसका घर भी आधा पानी में डूब चुका है, कब तक छत पर शरण लिए रहेंगे। उसका घर भी आधा पानी में डूब चुका है, कब तक छत पर शरण लिए रहेंगे।
उस वक़्त मेरे पिता ने मेरी हौसला अफजाई की थी। उस वक़्त मेरे पिता ने मेरी हौसला अफजाई की थी।
क्यों ना इनको यादगार बना ले यह सोचते हुए वह चल पड़ी अपने कर्म क्षेत्र की ओर। क्यों ना इनको यादगार बना ले यह सोचते हुए वह चल पड़ी अपने कर्म क्षेत्र की ओर।
तो हम कल रात आठ बजे कोटा पहुंच गये। खाना वाना खाकर हम ताश खेलने बैठ गये। तो हम कल रात आठ बजे कोटा पहुंच गये। खाना वाना खाकर हम ताश खेलने बैठ गये।