रुक्मिणी दिन रात अपने मायके के गुण गाती रहती है। रुक्मिणी दिन रात अपने मायके के गुण गाती रहती है।
सब पहले की तरह हो जाये दोनों को बस यही इंतजार है। सब पहले की तरह हो जाये दोनों को बस यही इंतजार है।
ईश्वर की कृपा से मिल गया 'जैसे को तैसा' ! सच है, देर है पर अंधेर नहीं !' ईश्वर की कृपा से मिल गया 'जैसे को तैसा' ! सच है, देर है पर अंधेर नहीं !'
ऐसी दरियादिली बाड़मेर के सीने में ही हो सकती है। ऐसी दरियादिली बाड़मेर के सीने में ही हो सकती है।
ताई जी गरीब घर की बेटी थी। इसलिए घर में उनकी कद्र भी कम ही थी ताई जी गरीब घर की बेटी थी। इसलिए घर में उनकी कद्र भी कम ही थी
धीरे-धीरे घर में क्लेश होने लगा और दोनों पति-पत्नी में तू-तू-मैं-मैं होने लगी थी। धीरे-धीरे घर में क्लेश होने लगा और दोनों पति-पत्नी में तू-तू-मैं-मैं होने लगी थी...