Mridula Mishra

Others

4.5  

Mridula Mishra

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'यक्ष-प्रश्न'

'यक्ष-प्रश्न'

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हमारे बहुत सारे अनुत्तरित प्रश्न तुम्हारे पास रह गये हैं, गर समय हो उत्तर भिजवा देना। यह कहकर निम्मी अपना सामान पैक करने लगी। कौन सा प्रश्न?राजीव ने भी पलट कर तेज़ आवाज़ में पूछा। निम्मी ने कहा तो सुनो मैंने सोचा था कि कोर्ट में ही तुमसे जवाब माँगू लेकिन तुम जानना चाहते हो तो सच्चाई से उत्तर देना। 

क्या प्रथम रात्रि की वह अनमोल छुअन तुमने पहले भी महसूस किया था? 

शिशु की प्रसव वेदना में मेरा दोहरा होता शरीर तुम्हें जरा भी कष्ट दे पाया?

एक बच्चे को बड़ा करने के लिए मैंने बीस साल गंवाये, क्या तुमने बीस दिन भी दिये?

तुम अपने मौज के लिए, हर हद पार करते रहे, क्या एक पल भी मेरे अकेलेपन का ख्याल आया? 

फिर क्यों- क्यों -क्यों? मैं तुम्हारे बंधन में रहूं?

निम्मी के ऊँचे उठते स्वर से राजीव घबरा गया। अपनी चरित्रहिनता को वह अपने शादीशुदा जिंदगी में लपेटकर बड़े ठाठ से मौज करता था। उसे लगता था कि मेरा हर कमीनापन निम्मी आपने तक ही सीमित रखेगी, पर आज निम्मी के तेवर ने उसके होश उड़ा दिये। वह सीधे आसमान से धरती पर आ गिरा। उसे अपनी नौकरी पर भी ख़तरा महसूस हुआ। अच्छी नौकरी के बदौलत ही वह निम्मी और बच्चों को हिकारत की दृष्टि से देखता था उसका बड़ा बेटा तकरीबन बीस साल का होने जा रहा था और बेटी पंद्रह के करीब थी लेकिन बियर-बार की उस नाचती -मटकती लड़की ने उसे बिल्कुल दिशाहीन बनाकर रख दिया था। वह उपरी आमदनी को जी भरकर उसपर खर्च करता और घर में खर्चे के नाम पर निम्मी को गालियां बकता। आखिर हर इंसान की सहनशक्ति की अपनी एक हद होती है और उसी हद ने निम्मी को अब तक रोके रखा था। लेकिन, अब पानी सर से ऊपर था। राजिव बिना कुछ बोले बाहर चला गया। वह सीधे अपनी प्रेमिका के पास गया वह जानता था कि अभी उसके सोने का समय है क्योंकि बियर- बार दो बजे रात तक खुला रहता था और नैनी उसमें डांसर थी। वह बार-बार राजीव को निम्मी से तलाक के लिए उकसाया करती। तलाक की प्रक्रिया शुरू थी पर, काम जल्दी नहीं हो रहा था। इधर नैनी ने उसे यह भी कह रखा था कि वह उसके बच्चे की माँ बनने वाली है।

वह नैनी के घर पहुंचा तो उसे सरप्राइज देने की सोची घर की एक चाभी उसके पास भी रहती थी, कभी -कभी जब ज्यादा उपर के पैसे मिलते तो वह उसे वहीं रखता। वह जैसे ही अंदर दाखिल हुआ नैनी के साथ एक पुरुष स्वर भी उसकी कानों से टकराया। नैनी हंसते हुए कह रही थी -अरे राजीव तो परले दर्जे का मुर्ख है बच्चा तुम्हारा और उसका बता कर मैं राज़ कर रही हूँ। वह मुर्ख जल्दी ही अपनी बीबी को तलाक देकर मुझसे शादी कर लेगा। फिर उसने उस पुरुष की आवाज़ सुनी अरे डार्लिंग फिर मेरा क्या होगा ? जो अब तक होता आया है कहकर नैनी खिलखिला कर हँस पड़ी। राजीव तो हैरान था। फिर उसने नैनी और उस आदमी की विडियो बनानी शुरू की और थोड़ी देर के बाद बाहर आ गया।

बाहर आकर राजीव ने बेल बजाया थोड़ी देर बाद नैनी ने ऊंघते हुए दरवाज़ा खोला और नज़ाकत से बोली क्या डार्लिंग इतनी देर कर दी। वह भी उसे बाहों में लिए-लिए अंदर आया और बोला नैनी प्लीज़ एक कप अच्छी सी चाय पिला दो निम्मी ने झगड़ा करके दिमाग खराब कर रखा है। अरेरेरे मैं अभी बनाती हूं डियर। जबतक चाय आती तब तक उसने रखें अपने सारे रूपये निकाल लिए जो नैनी के फ्लैट के लिए जोड़ रहा था। चाय पीकर राजीव ने काम का बहाना बनाया और निकल गया।

घर आकर उसने निम्मी के बहुत आरज़ू मिन्नत किए, वो विडियो भी दिखाया और तो और सारे लाये हुए पैसे भी निम्मी को देने लगा पर, निम्मी अपने ज़िद पर अड़ी थी। उसकी एक ही रट थी उसे उसके प्रश्नों का उत्तर चाहिए बस। और वह बच्चों के साथ चली गई।

राजीव को निम्मी का गला फाड़ता प्रश्न सब जगह से चीख-चीख कर उत्तर माँग रहा था-क्यों-क्यों-क्यों?



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