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Sangeeta Aggarwal

Children Stories Comedy Children

4  

Sangeeta Aggarwal

Children Stories Comedy Children

ये आजकल के बच्चे

ये आजकल के बच्चे

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चलो बच्चों आज हम संज्ञा के बारे मे पढ़ेंगे ! " मैने अपनी कक्षा के बच्चों से पहले दिन कहा!

"मैडम ये संज्ञा कौन है ? कहाँ रहती है ? " एक बच्चे ने सवाल किया।

"नहीं बेटा संज्ञा कोई लड़की नहीं है संज्ञा noun को बोलते है किसी का नाम, किसी जगह का नाम पशु पक्षियों के नाम या किसी चीज़ के नाम संज्ञा होते है ! " मैने उसे और पूरी कक्षा को समझाया।

" मैडम सबके नेम संज्ञा कैसे हो सकते सबके नेम तो नेम होते जैसे मेरा नेम व्योम है, मेरी फ्रेंड का नेम रिया ! " एक बच्चा बोला।

" बेटा इन सबको मिला के जो हिन्दी मे समूह होता उसे संज्ञा कहते हैं! " मैंने किसी तरह समझाया।

" अच्छा चलो अब मैं कुछ पूछती हूँ तुम लोग जवाब देना।" मैने कहा।

" ठीक है मैडम जी! " सभी बच्चे चिल्लाये।

" शीना, चिराग की दोस्त है। इसमे संज्ञा कौन सी है ? " मैने ब्लैक बोर्ड पर लिख कर पूछा।

" मैडम शीना मेरी दोस्त नहीं है उसने मुझे काटा था मैं उससे कुट्टा हूँ! " एक बच्चा जिसका नाम चिराग था तुनक कर बोला।

" हाँ तो मुझे भी शौक नहीं तेरी फ्रेंड बनने का मैडम आप लिखिये शीना चारु की दोस्त है।" एक बच्ची जिसका नाम शीना था बोली।

हार कर मुझे वो वाक्य ही मिटाना पड़ा।

" राघव आगरा गया इसमे संज्ञा बताओ " मैने दूसरा वाक्य लिख कर पूछा।

" मैडम मैं तो आगरा गया ही नहीं यहीं पर हूँ! " एक बच्चा जिसका नाम राघव था बोला ! "

" बेटा अभी नहीं पर कभी तो गए होंगे " मैंने कहा।

" नहीं मैडम मैं तो गया ही नहीं! " बच्चे ने हाथ नचा कर बोला।

" अच्छा चलो मान लेते है तुम आगरा गए! " बस खुश।

" अरे मैडम मानना ही है तो कोई और जगह मान लो राघव सिंगापुर गया। राघव सिविजरलैंड गया। ! " बच्चा हँसते हुए बोला।

मेरा दिमाग भन्ना रहा थे बच्चों की बातें सुन फिर खुद को शांत कर मैने दुबारा लिखा।

" यह एक मेज है " इसमे संज्ञा बताओ।

" पर मैडम ये तो ब्लैकबोर्ड है। मेज तो ये है! " एक बच्चे ने अपनी मेज की तरफ़ इशारा करते हुए कहा और सब बच्चे हंसने लगे।

" देखो तुम सब खड़े हो जाओ अपनी सीट पर। " मैं अपना वाक्य पूरा भी नहीं कर पाई थी की छुट्टी की घंटी बज गई।

सब बच्चे जाने को खड़े हो गए।। मैने उन्हे लाइन मे बाहर निकाला और खुद सिर पकड़ कर बैठ गई।। "उफ्फ ये बच्चे संगीता बेटा ये पढाना इतना आसान नहीं जितना तूने समझा था ऐसे बच्चों के लिए स्पेशल तैयारी करके आनी होगी तभी इन्हें पढ़ा पायेगी तू वर्ना आजकल के ये बच्चे तुझे पढ़ा देंगे ! " मैने खुद से बोला और हँसते हुए चल दी बाहर क्योंकि घर जाके तैयारी भी तो करनी थे बच्चों को नये तरीके से नेम, प्लेस, एनिमल, थिंग जो पढाना है कल।


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