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Deepa Pandey

Children Stories Inspirational Children

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Deepa Pandey

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वतन

वतन

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सुबह से हाथ में झंडा लिए चार वर्षीय नन्हीं,

नन्हा सा तिरंगा फहराते हुए गा रही हैं।

"वतन वतन मेरे साथ है तू, मैं जहां रहूं मेरे साथ रहे तू "

कुछ घंटों के बाद,

मम्मी ने कहा चलो बहुत खेल लिया,

अब 1 to 20 लिखो।

नन्ही आंखो में आसूं भरकर दादी के पास दौड़ी आई।


" दादी मुझे पढ़ाई नहीं करनी "

दादी बोली "मम्मी को बोलो आज 15अगस्त हैं, आज छुट्टी हैं "

नन्ही ने झटपट आंसू पोंछे और खुशी से उछल कर मम्मी को बताने दौड़ गई।

शाम को दादा जी टी वी देख रहे थे तो बोली "मेरा पैपा कार्टून लगाओ "

दादाजी तुरंत बोले " चलो किताब निकालो अपनी पढ़ाई करो "

नन्ही झट से बगल में बैठी दादी से बोली " दादी आज क्या है "


दादाजी बोले " Tuesday"

"दादी बताओ आज क्या है ?"

दादाजी बोले " मंगलवार"

"अरे दादी आप बताओ न" नन्हीं मचली।

" आज 15 अगस्त हैं "

" हां वहीं तो,

आज 15 अगस्त हैं दादा जी "

"तो क्या हुआ?"

"आज छुट्टी हैं,

आज वतन वतन होता हैं " कहकर नन्हीं ने नन्हा तिरंगा फहराते हुए दौड़ लगा दी।


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