वतन
वतन
सुबह से हाथ में झंडा लिए चार वर्षीय नन्हीं,
नन्हा सा तिरंगा फहराते हुए गा रही हैं।
"वतन वतन मेरे साथ है तू, मैं जहां रहूं मेरे साथ रहे तू "
कुछ घंटों के बाद,
मम्मी ने कहा चलो बहुत खेल लिया,
अब 1 to 20 लिखो।
नन्ही आंखो में आसूं भरकर दादी के पास दौड़ी आई।
" दादी मुझे पढ़ाई नहीं करनी "
दादी बोली "मम्मी को बोलो आज 15अगस्त हैं, आज छुट्टी हैं "
नन्ही ने झटपट आंसू पोंछे और खुशी से उछल कर मम्मी को बताने दौड़ गई।
शाम को दादा जी टी वी देख रहे थे तो बोली "मेरा पैपा कार्टून लगाओ "
दादाजी तुरंत बोले " चलो किताब निकालो अपनी पढ़ाई करो "
नन्ही झट से बगल में बैठी दादी से बोली " दादी आज क्या है "
दादाजी बोले " Tuesday"
"दादी बताओ आज क्या है ?"
दादाजी बोले " मंगलवार"
"अरे दादी आप बताओ न" नन्हीं मचली।
" आज 15 अगस्त हैं "
" हां वहीं तो,
आज 15 अगस्त हैं दादा जी "
"तो क्या हुआ?"
"आज छुट्टी हैं,
आज वतन वतन होता हैं " कहकर नन्हीं ने नन्हा तिरंगा फहराते हुए दौड़ लगा दी।