वो तीन दिन
वो तीन दिन
पिछला साल सबके लिए कोई ना कोई नया मोड़ लेके आया। कुछ लोगों के लिए बुरा और कुछ के लिए अच्छा बीता। परंतु सबसे ज्यादा हूं स्कूल जाने वाले बच्चों को हुई। पूरे साल घर पर मस्ती की।
मेरा भाई भी पूरे साल भर मस्ती करता रहा।उसे लगा की स्कूल वाले उसे अगली क्लास में कर देंंंगे ।
इस चक्कर में उसने स्कूल से आने वालााा ऑनलाइन काम नहीं किया। स्कूल से रोजाना उसका काम आता था परंतु उसने एक भी दिन काम नहींीं किया।
जैसे तैसे 2020 चला गया अब जनवरी का महीना आया। स्कूल वालेे बच्चों के लिए कैसी खबर लाया जो उनके लिए बहुत ही बुरी हुई।
स्कूल लगने के 3 दिन पहले मेरे भाई कोो पता की उसकााा 3 दिन बाद स्कूल और और साराा काम करना जरूरीी थाा।
अब उस पर तो जैसे पहाड़ ही टूट गया हो।
पूरे साल उसने मस्ती की और अब ये दिन उसके सबसे बूरे थे।
तू बोलता 3 दिन के बदले मैंने पूरे साल मस्ती की अब इन 3 दिनोंं में जो दुख है उसका बता भी नहीं सकता।
और अंतिम दिनों में उसने दिन रात एक करके काम किया और बोलाा आगे से कभी ऐसी गलती नहींं करूंगा। मुझे उस पर बहुत हसी आई मैंने भी बहुत मजाक उड़ाए की क्यों तूने ही बोला था कि इन 3 दिनों के बदले तूने सारा साल मस्ती की अब क्या हुआ।
