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Jyoti narang

Children Stories

4  

Jyoti narang

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विशिंग वेल

विशिंग वेल

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लोरा अपने मामा के फॉर्महाउस पर छुट्टी मनाने आई हुई हैं। उसके मामा की बेटी टीना भी उसी की उम्र की हैं।

"लोरा जल्दी आओ। तुम्हें मैं कुछ खास दिखाती हूं" , टीना चहकती हुई बोली।


"ऐसा क्या खास है", लोरा बोली।


"तुम चलो तो। खुद ही देख लेना", टीना ने कहा।


दोनों फिर फार्म हाउस के पीछे की तरफ चली गई वहां एक कुआं होता है।


टीना - "यह देखो।"


लोरा - "यह तो कुआं है। इसमें खास क्या है।"


टीना - "यह एक विशिंग वेल है इसमें हमारी विश पूरी होती है। एक सिक्का डालो और विश पूरी करो।"


लोरा -" कुछ भी।"


टीना - "तुम खुद देख लो यह लो सिक्का और मांग लो।"


लोरा - "ठीक है।"


फिर लोरा मन में एक विश मांगती है और सिक्का कुएं में डाल देती है। थोड़ी देर में अपनी पॉकेट चेक करती है। उसमें खूब सारी चॉकलेट होती है।


टीना - "अब क्या कहोगी।"


लोरा - "ओह यह तो सच में विश पूरी करता है।"


टीना लोरा दोनों रोज कुछ ना कुछ विश मांगती और खूब खुश होते हैं।एक दिन लोरा के मन में सवाल उठा कि आखिर ऐसा क्या है जो इस विशिंग वेल से कुछ भी मांगो वह पूरा कर देता है।

इसका सच तो पता लगाना पड़ेगा। वह आसपास के लोगों से पूछने लगते हैं।


एक बूढ़ी औरत बताती है कि बहुत समय पहले एक पहुंचे हुए सिद्ध बाबा थे। उन्होंने बहुत तप करके काफी सारी सिद्धियां और शक्तियां प्राप्त कर ली थी लेकिन एक बुरे व्यक्ति ने उनकी सभी शक्तियां प्राप्त करने के लिए छल से उन्हें इस कुएं में धकेल दिया। बाबा इसी कुएं में मर गए और बाबा की आत्मा इस कुएं में रह गई। उस आत्मा के पास सभी शक्तियां हैं और बाबा की आत्मा अभी तक सभी लोगों की भलाई करती हैं। सभी की इच्छाएं पूरी करती है। लेकिन शर्त यह है कि वह इच्छा वाजिब होनी चाहिए बुरी इच्छाएं या ऐसी इच्छा है जो बेमतलब की होती हैं उन्हें कुए की आत्मा पूरी नहीं करती उस समय इसे कुएं की आत्मा कहा जाता हैं। आजकल लोग इसे विशिंग वेल कहते हैं। 


अब लोरा और टीना को कुएं की आत्मा उर्फ विशिंग वेल का सच पता था तो अब वह दोनों हमेशा वाजिब इच्छा ही मांगती हैं।


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