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Gita Parihar

Others

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश

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बच्चों, उत्तर प्रदेश का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है। यह लगभग 24 करोड़ की आबादी वाला देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेश है। इस का कुल क्षेत्रफल 243290 किमी है। यह भारत के उत्तर में स्थित है।देश को सर्वाधिक आठ प्रधानमंत्री देने वाला उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। इसकी सीमाएं उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान जैसे उत्तरी व पश्चिमी राज्यों से लगती हैं तो दूसरी ओर मध्य व पूर्वी भारत के राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार से लगती हैं।उत्तर प्रदेश की सीमाएं पड़ोसी देश नेपाल से भी लगती हैं। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना के मैदान है।यह विश्व की सर्वाधिक आबादी वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। विश्व में केवल पांच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। देश को सर्वाधिक लोकसभा और राज्यसभा सदस्य भी उत्तर प्रदेश देता है।    

  उत्तर प्रदेश के मुख्य शहरों में प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर ,गोरखपुर ,अयोध्या ,मेरठ, गाजियाबाद, मथुरा, बरेली इत्यादि हैं। इसकी राजधानी लखनऊ है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। यहां आधिकारिक रूप से हिंदी और उर्दू का प्रयोग होता है। अतिरिक्त आधिकारिक भाषा अवधी और ब्रज है। यहां लगभग 68% लोग साक्षर हैं।

राज्य में अनेक ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, जैसे कि आगरा, झांसी,लखनऊ, अयोध्या, वृंदावन (मथुरा), वाराणसी और प्रयागराज और गोरखपुर।

उत्तर प्रदेश हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है। बौद्ध-हिन्दू काल। की सांस्कृतिक विरासत के चिह्न  भी विद्यमान हैं।मौर्य सम्राट अशोक के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ वाराणसी के निकट सारनाथ में स्थित हैं। 

हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। साहित्य और भारतीय रक्षा सेवायेँ, दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं। गोस्वामी तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, अज्ञेय जैसे इतने महान कवि और लेखक उत्तर प्रदेश में हुए हैं। उर्दू साहित्य के फिराक़, जोश मलीहाबादी, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, वसीम बरेलवी,अनवर फर्रुखाबादी, चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं। हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और लुगदी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है।

जहां संगीत उत्तर प्रदेश के व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है वहीं कथक नृत्य जिसे सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए किया जाता है वह उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति में प्रमुख स्थान रखता है।

कृषि उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का मुख्य आधार है। पश्चिमि उत्तर प्रदेश के गाँवों में बरसात के मौसम खरीफ में किसान ज्वार और बाजरा उगाते हैं जिसका प्रयोग पशुओं के चारे के लिए किया जाता है। अक्टूबर और दिसंबर के बीच आलू की खेती होती है। सर्दी के मौसम (रबी) में गेहूँ उगाया जाता है।

यहाँ कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं जिनके क आधार कई उद्योग पनप गये हैं। विंध्य क्षेत्र के मिर्ज़ापुर में कई सीमेंट के कारखाने हैं, बांदा क्षेत्र और सोनभद्र क्षेत्र में बॉक्साइट आधारित एल्यूमीनियम संयंत्र हैं। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में कई गैर-धातु खनिज पाए जाते हैं जो औद्योगिक कच्चे माल के रूप में उपयोग किए जाते हैं। सिंगरौली क्षेत्र में कोयला पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग काफी उभर रहा है, खासकर यूपी-दिल्ली-एनसीआर और लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर में। यह लगभग सभी प्रकार के उत्पाद बनाता है।

कुटीर उद्योग, जैसे हथकरघा और हस्तशिल्प, ने पारंपरिक रूप से राज्य में बड़ी संख्या में लोगों के लिए आजीविका प्रदान की है:-वाराणसी विश्व-प्रसिद्ध हथकरघा से बुने वस्त्रों और कढ़ाई वस्त्र का केंद्र है, जिसके मुख्य उत्पाद जरी-कढ़ाई और जरी-रेशम साड़ी हैं। लखनऊ "चिकन कढ़ाई" का एक केंद्र है, जोकि यहाँ के 200 वर्ष पुरानी संस्कृति का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश, देश के कुल कपड़ा उत्पादन का लगभग 15% का उत्पादन करता है, जिसमें भारत में कुल कारीगरों का लगभग 30% कार्यरत है, और राज्य में यूएस $0.1 मिलियन के वार्षिक उत्पादन करता है।वाराणसी, डीजल लोकोमोटिव वर्क्स में डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण के लिए जाना जाता है। डीएलडब्ल्यू की कार्यशाला, भारतीय रेलवे के लिए बिजली के इंजनों का निर्माण भी किया जाता है। यह भारत में सबसे बड़ा डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माता है। राज्य में चमड़े और चमड़े के उत्पाद के लिये आगरा और कानपुर दो प्रमुख केंद्र हैं, जहाँ 11,500 से अधिक इकाइयाँ हैं। कानपुर में करीब 200 चर्म शोधनालय स्थित हैं।मेरठ में एशिया का सबसे बड़ा सोना बाजार है। यह देश के खेल संबंधी वस्तुओं और संगीत वाद्ययंत्रों का सबसे बड़ा निर्यातक है। बुलंदशहर दुनिया भर में खुर्जा मिट्टी के बर्त्तन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ लगभग 23 निर्यात उन्मुख इकाइयाँ हैं जहाँ से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात आदि जैसे देशों में निर्यात किया जाता है। सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में, बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सफलतापूर्वक काम कर रही है।नैनी, इलाहाबाद, में सबसे प्रतिष्ठित उद्योगों में से एल्स्टॉम, आईटीआई लिमिटेड, भारत पंप्स एंड कॉम्प्रेसर (मुख्यालय), अरेवा, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), ईएमसी लिमिटेड, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), त्रिवेणी स्ट्रक्चरल लिमिटेड (टीएसएल) और केन्द्र सरकार की कपास मिल्स हैं।

गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, कानपुर, लखनऊ, सोनभद्र, मिर्ज़ापुर और बलरामपुर राज्य के खनिज़ क्षेत्र हैं।

मथुरा में मथुरा परिष्करणी उत्तर प्रदेश की एकमात्र तेल-शोधक कारखाना (रिफाइनरी) है, और भारत की छठी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी है।

अलीगढ़ का ताला, फिरोजाबाद की चूड़ियाँ, सहारनपुर का काष्ठ शिल्प, पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें,रामपुर का पैचवर्क, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन औरंगाबाद का टेराकोटा, मेरठ की कैंची अलीगढ़ का ताला बहुत प्रसिद्ध हैं।

बनारस घाट की गंगा आरती, अयोध्या का सावन झूला मेला और दीपावली, प्रयागराज का 12 वर्ष का कुंभ और 6 वर्ष के बाद अर्धकुंभ, मथुरा, वृंदावन, बरसाने की होली, बाराबंकी का देवा मेला इनके अतिरिक्त यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिमों के सभी प्रमुख त्योहारों को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।



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