समंदर
समंदर
बचपन से ही मेरी संगीत में बहुत रुचि थी। पर यह अहसास नहीं था कि जीवन रूपी नदी मुझे संगीत के समंदर की ओर ले जाएगी।
मेरा विवाह जिस परिवार में हुआ है वहां खानदानी संगीत की परंपरा है मेरे पति सभी वाद्य यंत्रों पर अपना नियंत्रण रखते हैं। मुख्यतः सरोद उन का वाद्य यंत्र है।
मेरे यहां संगीत की क्लास चलती है और साथ में मैं भी अपने पति का सहयोग करती हूं।
संगीत के लिए तो मेरे दिल से बस यही शब्द निकलते हैं।
मैं तेरे प्यार की प्यासी नदी
तू मेरा समंदर हो गया।