सीढ़ियाँ ही मददगार
सीढ़ियाँ ही मददगार
किशोर माँ को बायपास सर्जरी के लिए मुंबई के टाटा मेमोरियल रमा के साथ लेकर आया, क्योंकि और जगह से वहां चिकित्सक अच्छे हैं। जैसे ही वे जांच कराने के लिए आए तो घुमावदार सीढ़ियाँ देख रमा से बोला, लिफ्ट है यहां इसलिए अच्छा है, नहीं तो माँ को हम सिढ़ियों से कैसे लेकर जाते ? रमा बोली "इसके भरोसे मत रहना, लिफ्ट धोखा दे सकती है, पर सीढ़ियाँ नहीं।"
इतने में आवाज़ आई, गलत बटन दबने से माँ -बेटी लिफ्ट में फँस गए, जैसे-तैसे सीढ़ियों के सहारे उपचार हेतु पहुंचाया, जिससे उनकी जान बची। सीढ़ियाँ ही मददगार साबित हुई ।