"शिक्षा का वज़न
"शिक्षा का वज़न
दसवीं कक्षा की परीक्षा समाप्त होने पर बेटे ने पिता से कहा, "पिताजी मुझे डॉक्टर बनना है। आप मेरा एडमिशन ग्यारवीं में साइंस कॉलेज में करवा दीजिए और ग्यारवीं, बारवीं तथा डॉक्टरी के लिए लगने वाली प्रवेश परिक्षा पी.एम.टी.की ट्यूशन लगवा दीजिये। ताकि मैं अपनी आगे की पढ़ाई कर सकूँ।"
यह सुन पिता कहने लगे, "बेटा तुम्हारा वज़न तुम्हारी उम्र व हाइट के हिसाब से बहुत कम है। डॉक्टरी की पढ़ाई का बोझ तुम उठा न पाओगे, अच्छा यही होगा तुम अपने वज़न के हिसाब की पढ़ाई करो, मेरे खयाल में तुम्हारे वज़न के हिसाब से डी.एड.की पढ़ाई ठीक रहेगी।"
