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डाॅ.मधु कश्यप

Others

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डाॅ.मधु कश्यप

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शादी की रात

शादी की रात

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 स्मृतियाँ सहेज कर रखी जाने वाली थाती होती है, जो हमेशा हमारे दिलों दिमाग को ताजा बनाए रखती हैं ।जहाँ भी हम चाहते हैं ,एक स्मृति जरूर बनाते हैं। ऐसे ही एक उत्सव की याद है,जो आज भी मेरे दिल को गुदगुदा जाती है और हर उत्सव में मुझे इस उत्सव की याद दिला जाती है ।मेरी मौसेरी दीदी की शादी थी। वह रिश्ते में हम सब बहनों में सबसे बड़ी थी इसलिए हम सब बहुत खुश थे । ज्यादा दिन नहीं हुए थे मुझे बड़े हुए इसलिए उत्सुकता चरम सीमा पर थी ,कि शादी कैसे होती है ?जयमाला में क्या होगा? कौन-कौन आएगा और ढेरों सवाल जो अपने मन में मैं दबाए हुए थी।"कितना समय ले रही हो तुम लोग तैयार होने में ,जल्दी तैयार हो जाओ।"क्या दीदी !आपको तो दो-तीन लोग मिलकर तैयार कर रहे हैं। हमें खुद तैयार होना है तो समय तो लगेगा ही ।"सभी हँस पड़े । बारात जैसे ही दरवाजे पर आई चारों तरफ चहल-पहल बढ़ गई। सभी जल्दी-जल्दी काम निपटाने में लग गए। बारात का स्वागत किया गया। हमें भी एक एक फूल दिया गया था। बारातियों( खासकर लड़कियों को) पहनाने के लिए ।मैंने भी जल्दी से पहना दिया। कहीं ऐसा न हो कि सब पहले पहना दे और मुझे डाँट खाना पड़ जाए । वरमाला हुई ।सभी दीदी और जीजा जी के साथ फोटो खिँचवाने में लग गए ।ऐसा लग रहा था कि किसी ने अगर फोटो ना खिँचवाई तो पाप हो जाएगा ।मैं कैसे पीछे रहती। मैंने भी खिँचवाई। अब शर्त लगी कि पूरी रात शादी कौन देखेगा? मुझे यह सब बहुत पसंद है और वैसे भी मुझे पहली बार मौका मिला था तो मैंने झट से हाँ कह दिया ।धीरे-धीरे सभी सो गए पर मैं कैसे सोती इज्जत का सवाल था सभी ने बहुत उकसाया पर मैं नहीं सोई ।पूरी रात जगी और बहुत मस्ती की। बहुत अच्छा लगा सब कुछ अपने सामने देख कर ।वरना यह सब टीवी पर ही देखा था ।जो जगे रह गए उनके लिए पहला सवाल भैया ने सुबह पूछा कि," जो लोग नहीं सोए हैं ,वे ब्रश नहीं करेंगे क्योंकि ब्रश तो सोकर उठने के बाद किया जाता है ।"सभी हँसने लगे और जो जो जगे हुए थे वे डर गए क्योंकि भैया का आदेश था। हम सभी को डरा देख देख भैया को कहना पड़ा," अरे! मैं डरा रहा था ऐसी कोई बात नहीं है ।जाओ अभी ब्रश करो तब तक चाय आ रही। फिर विदाई के समय में पूरा माहौल गमगीन हो गया। पर वह रात की बात आज भी दिल को गुदगुदा जाती है।


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