सास-बहू धारावाहिक का असर
सास-बहू धारावाहिक का असर
बात २००१की है, मैं हाॅस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी और जाड़े की छुट्टियों में घर आने जाने वाली थी। हमारा संयुक्त परिवार है, दादाजी ने बड़ा सा आलीशान हवेलीनुमा घर बनाया है जिसमें दादा-दादी,मेरे पिता और तीन चाचाओं का परिवार साथ में रहता है। तीन बुआ हैं वे लोग भी बीच बीच में आती रहतीं हैं । जब से होश संभाला है मैंने दादी, चाचियों और माँ के बीच में तनाव का माहौल ही देखा है, माँ, तो थोड़ी नरम स्वभाव की हैं,लेकिन तीनों चाचियाँ थोड़ी गर्म मिज़ाज की हैं, सांझा चूल्हा है,तना-तनी लगी रहती है। छोटी-छोटी बातों पर ही लड़ाई शुरू हो जाती हैं, कब बम फटने वाला है, कहना मुश्किल है।हमेशा ही घर में युद्ध का सा माहौल रहता है।
इसीसब के कारण घर जाने का मन नहीं हो रहा था, फिर भी हाॅस्टल खाली हो रहा था तो घर जाना ही पड़ा।
लड़ाई के दृश्य की कल्पना करते हुए मैंने गृह प्रवेश किया ,जैसे अंदर गई जो देखा उसपर विश्वास करना मुश्किल हो गया। ये मैं सपना तो नहीं देख रही!
"क्या देखती हूँ सबसे छोटी चाची मेरी माँ के सिर में तेल लगा रही हैं और मंझली चाची दादी माँ के पैर दबा रही हैं और संझली चाची सबके लिए चाय बना रहीं हैं, साथ ही हंसी-मज़ाक भी चल रहा है!"
एकाएक विश्वास नहीं हुआ ,मुझे लगा,"कहीं मैं किसी और के घर तो नहीं आ गई।तभी सामने से मेरी छोटी बहन अनन्या आती दिखी, मेल-मिलाप की औपचारिकता के बाद मैंने जैसे ही पूछने के लिए मुँह खोला।अनन्या बोली",दी सरप्राइज हो गई ना!
मैंने कहा ",हाँ अनु ,यकीन नहीं हो रहा इतना बदलाव कैसे" ?
" दी,थोड़ी देर रूक जाओ अपने आप ही पता चल जाएगा"। अनन्या ने कहा
रात का खाना जल्दी बना लिया गया और दादाजी, पिताजी तथा तीनों चाचा के घर आने पर एक साथ सबके लिए खाना परोस दिया गया, जल्दी जल्दी रसोई समेट कर पूरा परिवार एक साथ टेलीविजन के सामने बैठ गया, टीवी चालू करते ही स्टार प्लस नामक चैनल पर अपने परिवार का परिचय कराती एक महिला दिखाई पड़ी,बैकग्राउंड में गाना बज रहा था"रिश्तों के भी रूप बदलते हैं•••नए-नए साँचे में ढलते हैं•••एक पीढ़ी आती है•••एक पीढ़ी जाती है •••लिखते कहानी नयी•••क्योंकि सास भी कभी बहू थी•••हाँ सास भी कभी बहू थी•••
सभी ध्यान से देख रहे हैं, मुस्कुरा रहे हैं,अनन्या मेरे पास ही बैठी थी, मैंने कहा "मैं समझ गयी अनु! हमारे परिवार को क्या हुआ है,टीवी के एकधारावाहिक
ने हमारे बिखरे परिवार को एक कर दिया।क्या नाम है इस धारावाहिक का?" अनन्या ने कहा, "क्योंकि सास भी कभी बहू थी। " चल बहुत अच्छा हुआ यह खुशियाँ ऐसे ही बरकरार रहे।
मैं बहुत प्रसन्नता से अपने प्रिय परिवार के साथ 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' देखने लग गई।