रक्षक नेवला
रक्षक नेवला
"बुआ -बुआ!! मुझे कहानी सुननी है।" चुन्नू दौड़ता हुआ आया और प्रिया से बोला।
"कहानी???" प्रिया ने सवाल किया।
"हां अभी सुननी है।"
"आखिर कितनी कहानी सुनाऊँ दिन भर कहानी।" प्रिया बोली
"सौ!!" चुन्नू ने मासूमियत से जवाब दिया
"अरे सौ........?" प्रिया को हँसी आ गई।
"अच्छा ठीक है सुनाऊंगी तुमको खूब सारी कहानियां......" प्रिया ने चुन्नू को प्यार से गोद में बैठा लिया और प्रिया कहानी सुनाने लगी-
"देखो चुन्नू
एक मम्मी और उनका छोटा सा बेबी घर के लॉन में जाड़े की ठंडी ठंडी धूप में बैठे हुए थे मम्मी कुर्सी पर बैठी थी और छोटू बेबी झूले में लेटा था।
और तुमको पता है, नेवला जानते हो? जिसको मैंगूस कहते हैं......."
"हां बुआ जानता हूं बुक में उसकी फोटो भी देखी है।"
"हां मेरा राजा बेटा, वही नेवला........"
"वो नेवला भी उनके लोन में कभी कभी आ जाया करता था, अचानक से कुरियर वाला आ गया तो बच्चे की मम्मी गेट पर चली गई। जब वह कुरियर का सामान लेकर पीछे मुड़ी तो देखा उनके पीछे नेवला खड़ा है, और उसके मुंह में खूब सारा खून लगा है। मम्मी को गुस्सा आ गया उनको लगा नेवले ने उनके बच्चे को काट लिया है और वह नेवले को मारने ही जा रही थी, पर तभी उनको ध्यान आया कि नेवला तो उनका दोस्त है बच्चे को नहीं मारेगा उन्होंने जल्दी से लान में जाकर अपने बच्चे को देखा, तो पता है उन्होंने क्या देखा?" प्रिया बहुत आश्चर्य से बोली।
"हां बुआ बताओ जल्दी क्या देखा?"
"मम्मी ने देखा कि एक सांप मरा पड़ा है बच्चे के झूले के पास। मम्मी ने नेवले को खूब सारा प्यार किया कि उसने उनके बेटे की जान बचाई उनके बच्चे की जान बचा ली, वरना मम्मी तो कुरियर का सामान लेने गई थी छोटे बेबी को सांप काट लेता तो......?"
"अरे वाह बुआ मजा आ गया सुन के का यह तो बहुत अच्छी स्टोरी है ।"