रामचरण सदन

रामचरण सदन

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आज वैशाली अत्यधिक खुश थी ।आज अपने स्‍वयं के घर में जो रहने जा रही थी। दस साल से किराए के घर में जो रह रही थी। पति की छोटी सी नौकरी। वह सोचती ही रहती कभी अपन घर होगा या नहीं। एक दिन टी वी पर चल रहे विज्ञापन को देख वैशाली की खुशी का ठिकाना ना रहा कि अपने बैंक लाॅकर में रखे अपने गोल्‍ड पर भी घर के लिए लोन मिल सकता है । उसने पति राजेश से बताया ।राजेश ने कहा-ठीक है कल बैंक जाकर पता कर लूँगा।

राजेश बैंक गया और वहाँ पता किया ।बैंक मैंनेजर ने पूरी प्रक्रिया समझकर ,वैशाली को बताया । वैशाली ने अपने क्षेत्र में घर ढूँढना शुरू किया ।घर उनके रेंज में मिल जाने के बाद बैंक में सम्पर्क कर गोल्ड लोन लिया और कुछ ही दिनों में अपना मकान ले लिया ,घर का नाम रखा ।

"रामचरण सदन रखा ।"



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