प्यार
प्यार
प्यार, एक खूबसूरत अहसास है। जो अपनी खुशबू से हमारी जिंदगी को हसीन बना देता है। प्यार का कोई नाम नहीं है, धरती पर कोई सजीव ऐसा नहीं होगा जिसमें प्यार अपनी खुशबू न बिखरेता हो। प्यार बदनाम नहीं होता, हां प्यार करने वाले खुद ही बदनाम हो सकते है और इल्जाम प्यार पर लगा देते है। प्यार का कोई एक रूप नहीं है। किसी को किताबों से प्यार है, तो किसी को हथियारों से, तो कोई पत्थर का ही दीवाना हो जाता है क्योंकि उसको पत्थर में भगवान दिखाई देते है। यह हमारी सोच पर निर्भर करता है, हमारा प्यार कैसे और किस ओर रूख करेगा और कहां पर उसकी मंजिल है। कहते है जिस काम को भगवान भी नहीं करा सकते, उसको प्यार करवा देता है। अब देखिए प्यार में कितनी ताकत है। यह प्यार की ताकत का कमाल है कि स्टोरी मिरर में एक-से बढ़कर एक बेहतरीन लेखकों के लेख, कविताएँ, जो अब तक कही छुपी हुयी थी, आज हम सबके सामने है। अंतर सिर्फ हमारी सोच में है। अगर प्यार न होता तो क्या हमारे देश में बेशकीमती ताजमहल बन पाता, जिसको प्यार का मंदिर माना जाता है। पाकिस्तान को नफरत से ही प्यार है, तो वह नफरत फैलाना क्यों बंद करेगा। नेताओं को सत्ता से ही प्यार है तो वह बारबार किसी भी तरह कुर्सी को हासिल कर ही लेते है। अब मनसे को मराठियों से ही प्यार है तो वह क्यों गैर मराठी को मुंबई में घुसने देगी। जिनको अपनी इज्ज़त से ही प्यार है वो अपनों का ही खून बहा रहे है। प्यार तो है ही ऐसा जो कभी भी, किसी से भी हो सकता है। मुझको जब लिखने से ही प्यार है तो मैं क्यों न लिखूं। प्यार को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता है। प्यार तो वह ब्रह्मास्त्र है, जिसका प्रयोग करके कोई भी किसी को चाहे तो सफलताओं की बुलंदियों को छूने को मजबूर कर दे या असफलताओं के गहन अंधकार में ले जाए। अब यह हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम अपने अजीज को किस ओर ले जाना चाहते है।