"परिवर्तन"
"परिवर्तन"
सोहन अपने माता- पिता की इकलौती संतान था। घर मे सब उसे बहुत लाड़ प्यार करते थे।
यही कारण था कि वह बहुत घमंडी, मुँहफट, चिड़चिड़ा हो गया था। वह किसी का सम्मान भी नहीं करता था। जो भी सामने आता उसे गुस्से मे कुछ भी कह देता था। उसकी माँ को यह सब अच्छा नहीं लगता था। वह चाहती थी कि सोहन सबके साथ प्रेम से रहे और सभी का सम्मान करे। माँ बहुत समझाती पर पापा और दादी कुछ नहीं कहने देते थे। एक दिन स्कूल से आने के बाद वह अपने बगीचे में खेल रहा था।
तभी वहाँ माली का बेटा गोपाल आ गया और उसने सोहन से कहा कि वह भी खेलना चाहता है पर सोहन ने कहा-" अरे गोपाल तुम गरीब हो। तुम्हारे कपड़े भी गंदे और भद्दे हैं। तुम्हारे अंदर से बदबू आ रही है।" यह कहकर वह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा।
गोपाल ने सोहन को कुछ नहीं कहा और वह वहीं एक पत्थर पर बैठ कर सोहन को खेलते हुए देखने लगा। सोहन ने उसे और उसके पापा को बहुत गलत बातें बोली, पर गोपाल ने कोई उत्तर नहीं दिया। सोहन अकेला खेल रहा था।
साथ ही गोपाल को चिड़ाता भी जा रहा था। कुछ देर बाद वहाँ कहीं से एक जंगली कुत्ता आ गया और सोहन के पीछे दौड़ा। सोहन तेज़-तेज़ चिल्लाने लगा। गोपाल ने पास पड़े पत्थर उठाए और कुत्ते पर बरसाने लगा। कुत्ते ने सोहन का पैर पकड
लिया । गोपाल ने बिना डरे कुत्ते पर पीछे से छलांग लगा दी। शोर सुनकर सोहन के परिवार वाले भी घर से बाहर आ गए। यह दृश्य देखकर सबके होश उड़ गए।
अब कुत्ता सोहन को छोड़कर गोपाल के पीछे पड़ गया और उसके हाथ मे तेज़ी से काट लिया। गोपाल के हाथ से खून बहने लगा। इतने सारे लोगों को देखकर कुत्ता वहाँ से भाग गया। सोहन के पापा गोपाल को शीघ्रता से अस्पताल ले गए। वहाँ उसके टीके लगे। सोहन को भी काफी खरोचें आई।
सोहन के मस्तिष्क से गोपाल की सहायता करने वाली बात नहीं निकल पा रही थी। रात को उसने अपनी माँ से कहा कि उसने गोपाल का बहुत अपमान किया था फिर भी गोपाल ने उसकी जान बचाई और वह गोपाल से क्षमा माँगना चाहता है।
सोहन की माँ बहुत खुश हुई कि जो परिवर्तन वह सोहन मे नहीं ला सकी वह गोपाल ने ला दिया। अगले दिन सोहन एक अच्छा बड़ा सा तोह्फा और एक फ्रेंडशिप कार्ड लेकर गोपाल के पास गया। गोपाल बिस्तर पर लेटा था। वह सोहन को देखकर एकदम उठा पर सोहन ने उसे लेटे रहने के लिए कहा । सोहन ने गोपाल से क्षमा माँगी और उसे सदा के लिए अपना मित्र बना लिया। सोहन के पिता ने गोपाल का स्कूल में दाखिला भी करा दिया ।अब दोनो एक साथ स्कूल जाते थे। सोहन मे आए परिवर्तन से पूरा परिवार बहुत खुश था।