प्रेरणा

प्रेरणा

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जिंदगी अपनी है, अपने तरीके से जीना सीखो।हां ! मकसद सकारात्मक होना चाहिए।किसी से प्रेरणा लेते रहो किसी को प्रेरणा देते रहो , जब तक खुद को जिद के जहन में उबाल नहीं लोगे , आप अपना उबला रंग नहीं दे पाओगे और जाहिर है कि आप दुनिया को कोई अपना जिंदगी का हिस्सा नहीं दे सकते हैं ।

तो क्यों न अपने आप को जिद कि भट्टी में उबाल कर अपना रंग और अपनी क्षमता इतनी जहरीली बनाएं कि लोग आपकी काबिलियत को छूने से पहले खुद को इजाजत देने में नाकामयाब हो जाएं ।


मैने अपनी जिंदगी में सिर्फ खुद से प्रेरणा ली है क्योंकि मेरी जिंदगी में इतने दर्द हैं कि बिना दर्द के जीने में कोई मज़ा ही नहीं आता है ।

बस आदत बन जाती है कि दर्द हो तो हम जीने लगें ।

एक अजीब तरह की जिंदगी देखी है मैंने, जिसमें लोग दिलासे के लिए आप को किसी भी हद तक ले जाएंगे लेकिन जब आपको उनकी जरूरत का अहसास होगा कोई आसपास ही नहीं भटकेगा ।

हां, अगर मैं प्रेरणास्पद इंसानों की बात करूं तो मैंने अपने लिए गौतम बुद्ध को प्रेरणास्पद बनाया है ।

1.गौतम बुद्ध - एक बार एक औरत आकर बुद्ध से कहती है " गौतम मैं आपसे शादी करना चाहती हूं , ताकि मुझे भी आप जैसी गुणी और शाश्वत संतान की प्राप्ति हो "।

तो बुद्ध का जवाब था - " हे ! माते आप मुझे ही अपना बेटा मान लें तो आपको आपकी चाहत की संतान मिल जाएगा।

यानी बुद्ध का कहना था कि

" जब तक आप अपने अंदर नकारात्मक विचारों को आने की अनुमति नहीं देते तब तक कोई भी नकारात्मक विचार आप के अंदर नहीं आ सकता है।"



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