फिल्म
फिल्म
मैंने अकेले एक फिल्म देखी ’’ अजनबी ’’ । इस फिल्म के कारण ममता से मेरा ’’ मिलन ’’ हुआ। हम दोनों के दिल ने गाया ’’ हम हैं राही प्यार के ’’ । उसके बाद मैं और ममता ’’ लव स्टोरी ’’ बनाने में मशगुल हो गए, तब जाकर पता चला ’’ दुश्मन जमाना ’’ । हम दोनों ने भी आवाज बूलंद कर कहा ;; जमाना दिवाना ’’ और ’’ होगी प्यार की जीत ’’ । हम लोगों ने भी तय कर लिया ’’ आंदोलन ’’, ’’ क्रांति ’’ ये सब कुछ ’’ इश्क ’’ में दुहराएंगे। उसके बाद तो ’’ नसीब ’’ - ’’ किस्मत ’’ को झुकना ही पड़ेगा।
’’ मैंने प्यार किया ’’ और हम अपने प्यार का ’’ दावा ’’ करेंगे, यही विश्वास मैंने ममता को दिलाया।
जमाना प्यार का ’’ सौदागर ’’, ’’ खरीददार ’’ मगर सब बेअसर और मैं ’’ बाजीगर ’’ बन गया। शत्रु ’’ परास्त ’’ हुए। मेरा और ममता का ’’ विवाह ’’ हुआ। हमेशा के लिए हम दोनों का ’’ संगम ’’ हुआ। मैंने और ममता का ’’ घरोंदा ’’, ’’ स्वर्ग से सुन्दर ’’ हो गया।
और अब हम दोनों बड़ी बेसब्री से ’’ घर का चिराग ’’ का इंतजार कर रहे हैं।
