"मोक्ष"
"मोक्ष"
"कितनी शान्ति दिख रही है दादी के चेहरे पर...?" दादी को चीर निंद्रा में देख मनु ने अपने चचेरे भाई रवि से कहा।
"हाँ! भैया हाँ! कल रात ही उनके मायके से चाचा लेकर आये.. और अभी भोरे-भोरे ई..,"
कई दिनों से मनु की दादी जिनकी उम्र लगभग सौ साल से ऊपर की हो गई थी और उन्हें अब केवल अपने बचपन की कुछ बातें याद रह गई थी ने रट लगा रखी थी कि उन्हें खेतों में अपने पिता-भाई के लिए खाना भेजना है... अच्छी बारिश होने के कारण आज-कल खेतों में बिजड़ा डाला जा रहा है। अतः घर आकर खाने की फुर्सत नहीं मिलती किसी को.. सात बहनों और चार भाइयों में सबसे बड़ी होने के नाते घर-चौके की जिम्मेदारी उन पर रही होगी... उनको लगातार रटते हुए देखकर मनु के पिता अपने ममेरे भाई के लड़के को खबर करते हैं कि एक बार आकर अपनी बुआ दादी को लेकर जाएं क्यों कि यहाँ से किसी के साथ जाने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं। भाई का पोता आता है और अपनी बुआ दादी को अपने गाँव ले जाकर घुमाकर वापस फिर पहुँचा देता है..., साथ-साथ मनु के पिता रहते हैं..।।