मेरी यात्रा 13
मेरी यात्रा 13
वहां पर बारिश शुरू हो गई। हम भाग कर एक दुकान में रुक गये। फिर हमें भूख लगी। हम एक चाउमीन की दुकान पर गए। वहां हमने बारिश में चाऊमीन खाये। यह इतना सुहाना मौसम था और इस तरह का माहौल पहली बार था। फिर हम धर्मशाला में चले गए।
वहां जाकर हमने धर्मशाला के ढाबे पर खाना खाया। बहुत बारिश होो रहीीीी थी। फिर हम सो गए। सुबह उठकर नहा कर हम तैयार हो गए। इतने में वहां हमें किसी ने खाने के लिए बुलाया। किसी ने बालाजी की सवामणी की थी तो सब को परेशान दे रहे थे। प्रसाद में हमें चूरमा दाल मिले। बहुत ही अच्छेे थे।
फिर हम वहां से चल दिए।
