मेरी पसंदीदा रचनाकार
मेरी पसंदीदा रचनाकार
यूं तो मुझे पढ़ने का बहुत शौक है और मैंने अब तक अनेक कहानियां, उपन्यास ,नाटक, एकांकी, आलेख, निबंध और कविताएं पढ़ी है। उनमें से किसी एक को अपनी प्रिय पुस्तक के रूप में चुनना, बहुत कठिन कार्य है, फिर भी महिला लेखकों में जिनका मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा है उनमें से प्रमुख हैं, महाश्वेता देवी।
'महाश्वेता देवी की श्रेष्ठ कहानियां ' इस नए संकलन में लेखिका द्वारा जो 9 कहानियां चुनी गई हैं उनमें से आठ के केंद्र में आदिवासी मनुष्य हैं जो समाज की मूल धारा से अलग होकर इतिहास से निर्वासित हैं। इन कहानियों में ऐसी जनजातियों का वर्णन है जो पेशे से पहचान बनाते हैं। इनके संस्कार नहीं बदलते। उनके विश्वास पुराने हैं, पर कायम रहते हैं। वह औरत को डायन घोषित करके समाज से बहिष्कृत करने में भी जरा सा संकोच नहीं करते। ये मनुष्य समाज के हाशिए पर के लोग हैं लेकिन जब यही लोग किसी को अपने समाज से निर्वासित करते हैं तब वह निर्वासित स्त्री जैसे मनुष्येतर श्रेणी में पहुंच जाती है और उसे अपनी नियति मानकर स्वयं भी स्वीकार कर लेती है। इनकी कहानियों में यथार्थ की उपस्थिति परिलक्षित होती है। यथार्थ को दिखाने की इनकी भिन्न-भिन्न पद्धतियां हैं।