मेरी प्रार्थना
मेरी प्रार्थना
हे ईश्वर!
मैं नादान सारे विश्व के लिए आपके चरणों में प्रार्थना करने के लिए बैठी हूं ।मैं अपनी अश्रुधारा से आपके पांव का सिंचन करना चाहती हूं।हे ईश्वर!आप ही ऐसी कोई सौगात दीजिए। क्योंकि आज आंखें उदास हैं और करोना का डर भी खास है।
आप भी पर्दा लगाकर बैठ गए हो सारी दुनिया को यह समझा रहे हो की सभी अपने घरों मे रहे।लेकिन हम सभी आपको अपने अंदर में बैठा हुआ देख रहे हैंऔर अपने ही अंतर्मन में, आपसे बातें बहुत कर रहे हैं।हे ईश्वर !आपने बनाई है सृष्टि,इसका आप करना संरक्षण और भरण-पोषण।इंसान के बस की कोई बात नहीं है।इंसान आज उदास है।
हे ईश्वर!आप ही ऐसी कोई सौगात दिजिए।क्या करना था, क्या हो रहा है।
लाचारी में इंसान ,हर वक्त रो रहा है। आपके द्वार पर हर वक्त , हम अरदास लगा रहे है।हे ईश्वर!आप ही कोई सौगात देकर इस संसार को *कोरोना* से उबारिए।बच्चे, बूढ़े और जवान ,आपसे यही सौगात मांग रहे है।हे ईश्वर!
आप ही कोई सौगात दीजिए और इस संकट से आप हमें उबारे।आप का शुक्रिया है बारंबार ।आप का शुक्रिया है बारंबार।
